बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम क्या है, शिकायत कैसे करें

बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम


बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम उन गरीब पिछड़े पीड़ित लोगों के लिए संजीवनी बूटी साबित हुई। जिनका सरकारी बाबू के सामने जाने में धड़कन तेज हो जाता था। वहीं बिहार लोक शिकायत सरकारी कार्य में कोताही बरतने वाले बाबू के लिए एक चाबुक बन गया।

सर्व साधारण की शिकायतों का एक निश्चित समय-सीमा में समाधान कराने के उद्देश्य से 5 जून, 2016 से पूरे राज्य में बिहार सरकार द्वारा बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम लागू किया गया है।


क्या खास है इस कानून में ?

इस कानून से सभी आवेदकों को 60 कार्य दिवसों में -

उनकी शिकायतों की सुनवाई

उसके निवारण का अवसर तथा

उस पर निर्णय की सूचना प्राप्त होने का कानूनी अधिकार प्राप्त हो गया है।

शिकायत का तुरंत निबंधन संख्या/पावती प्रदान करते हुए सुनवाई की तिथि बतायी जाती है तथा शिकायतकर्ता एवं शिकायत के विषय से संबंधित सरकारीकर्मी के आमने-सामने सुनवाई कर शिकायत का समाधान किया जाता है। साथ ही, निर्णय की प्रति भी उपलब्ध कराई जाती है ताकि निर्णय से व्यथित होने की स्थिति में अपील दायर किया जा सके।

कैसी शिकायतें दर्ज करायी जा सकती है?

राज्य सरकार द्वारा राज्य में चलायी जा रही किसी योजना, कार्यक्रम एवं सेवा के संबंध में कोई लाभ प्राप्त करने के लिए या

ऐसा लाभ प्राप्त होने में हो रही देरी या विफलता के लिए या

किसी लोक सेवक द्वारा राज्य में लागू किसी नियम- नीति-विधि की अवहेलना किए जाने के मामले में लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को परिवाद दायर किया जा सकता है।

सुविधा के लिए परिवाद दायर किये जाने वाले विषयों की सूची लोक शिकायत प्राप्ति केन्द्रों एवं वेबसाईट पर उपलब्ध है।

परिवाद कौन दायर कर सकता है?

कोई भी नागरिक या नागरिकों के समूह द्वारा शिकायत दर्ज करायी जा सकती है। परिवाद निःशुक्ल दायर किये जाते हैं।

परिवाद कैसे दायर किये जा सकते हैं?

  • अनुमंडल, जिला एवं राज्य मुख्यालय में अवस्थित लोक शिकायत प्राप्ति काउंटर पर जाकर अथवा
  • ऑन लाईन- वेब पोर्टल http://lokshikayat.bihar.gov.in द्वारा अथवा
  • कॉल सेंटर के टॉल फ्री नं0- 18003456284 के माध्यम से अथवा
  • ई-मेल info-lokshikayat-bih@gov.in से अथवा
  • डाक द्वारा।

शिकायतें दर्ज कराने में सहायता एवं अन्य जानकारियां देने के लिए सूचना-सह-सुविधा केन्द्र भी मौजूद हैं।

विगत लगभग एक वर्ष में 1.50 लाख से अधिक व्यक्ति पेयजल, सफाई, शौचालय निर्माण, आवास योजना, राशन-किरासन, बिजली संबंधी मामले, अतिक्रमण, भूमि मापी, शिक्षा, स्वास्थ्य तथा अन्य कल्याणकारी कार्यक्रम से जुड़े हुए अपनी समस्यावों का समाधान इस अधिनियम के अन्तर्गत करा चुके हैं।

आप भी राज्य सरकार द्वारा राज्य में चलायी जा रही किसी योजना, कार्यक्रम एवं सेवा का लाभ प्राप्त करना चाहते हों अथवा इसके संबंध मं कोई शिकायत हो तो निःसंकोच परिवाद दायर करें तथा इस पारदर्शी, जवाबदेह, प्रभावकारी एवं लोकोपयोगी व्यवस्था का लाभ उठावें।

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