CrPC, Code of Criminal Procedure, दण्ड प्रक्रिया संहिता क्या है?

 

दण्ड प्रक्रिया संहिता

CrPC को Code of Criminal Procedure और हिन्दी में दण्ड प्रक्रिया संहिता कहते है. यह कानून सन् 1973 में पारित हुआ और 1 अप्रैल 1974 से लागू हुआ था. किसी भी प्रकार के अपराध होने के बाद दो तरह की प्रक्रियाएं होती हैं जिसे पुलिस किसी अपराधी की जांच करने के लिए अपनाती है. एक प्रक्रिया पीड़ित के संबंध में और दूसरी आरोपी के संबंध में होती है. इन्हीं प्रक्रियाओं के बारे में CrPC में बताया गया है. दण्ड प्रक्रिया संहिता को मशीनरी के रूप में भी वर्णित किया जा सकता है जो मुख्य आपराधिक कानून (IPC) के लिए एक तंत्र प्रदान करता है. प्रक्रियाओं का विवरण इस प्रकार है:

- अपराध की जांच (Investigation of crime)

- संदिग्धों के प्रति बरताव (Treatment of the suspects)

- साक्ष्य संग्रह प्रक्रिया (Evidence collection process)

- यह निर्धारित करना कि अपराधी दोषी है या नहीं

आइये कुछ उदाहरणों की मदद से IPC और CrPC के बारे में अध्ययन करते हैं.

क्या आपने कभी किसी वाहन को चलाते वक्त या सड़क पर चलते वक्त ध्यान दिया है कि सड़क पर लिखा होता है कि वाहन को इतनी स्पीड से ज्यादा न चलाएं. नेशनल हाईवे पर भी वाहन को चलाने की स्पीड के बारे में सड़क पर लिखा होता है जैसे 90km/hr या 100 km/hr कुछ भी हो सकता है. अगर आप इस स्पीड लिमिट को तोड़ते है या इससे ज्यादा तेज़ वाहन चलाते हैं तो आप कानून तोड़ रहे हैं. यहीं आपको बता दें कि IPC का 279 सेक्शन कहता है कि rash driving या उपेक्षा पूर्ण वाहन चलाने के लिए दण्ड का प्रावधान है यानी it is a punishable offence और इसमें 6 महीने का कारावास या 6 महीने की सजा हो सकती है.

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