मुख्यमंत्री दिव्यांगजन विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना Bihar Divyang Marriage Promotion Scheme

 

मुख्यमंत्री दिव्यांगजन विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना

 मुख्यमंत्री दिव्यांगजन विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना उद्देश्य

 इस योजना का उद्देश्य राज के  दिव्यांगजन के विवाह को प्रोत्साहित करते हुए उन्हें आर्थिक सहायता पहुंचाते हुए उनको सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है 

मुख्यमंत्री दिव्यांगजन विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना निधि का संविधान 

मुख्यमंत्री दिव्यांगजन विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना के लिए शत प्रतिशत राशि का प्रावधान ने केंद्र सरकार के द्वारा किया जाता है

मुख्यमंत्री दिव्यांगजन विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना  देय राशि

इस योजना के माध्यम से बिहार राज्य सरकार विकलांग नागरिकों को उनकी शादी संपन्न कराने के लिए ₹100000 का आर्थिक अनुदान प्रदान करेगी। राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली विवाह के लिए सहायता राशि सीधे लाभार्थी के बैंक अकाउंट में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर यानी डीबीटी के माध्यम से भेजी जाएगी।

मुख्यमंत्री दिव्यांगजन विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना पात्रता 

अन्तर्जातीय  विवाह अथवा दिव्यांग महिला/ पुरुष के साथ विवाह करने पर जिसने महिलाएं एवं पुरुष की आयु क्रमश: 18 और 21 वर्ष से अन्यून  हो तो अन्तर्जातीय विवाह के लिए महिला को एवं दिव्यांग  से विवाह के लिए दिव्यांगजन को अनुदान देय  होगा यदि ऐसी विवाह में पति /पत्नी दोनों दिव्यांग हो तो दोनों को अनुदान देय होगा इसी प्रकार दिव्यांगजन  यदि  अन्तर्जातीयल  विवाह करते हैं तो दिव्यांग विवाह के साथ-साथ अन्तर्जातीय विवाह के लिए देय अनुदान भी अनुमान्य  होगा। उदाहरण स्वरूप यदि पति-पत्नी दोनों दिव्यांग हो और उनकी जाति भी भिन्न हो तो पत्नी को अन्तर्जातीय विवाह एवं दिव्यांग विवाह दोनों के लिए तथा पति को दिव्यांग विवाह हेतु अर्थात अनुदान की तीन इकाई अनुमान्य  होगी।

पात्रता नियम

आवेदन करने वाला दिव्यांग नागरिक बिहार राज्य का ही मूल निवासी होना आवश्यक है।

दिव्यांग नागरिक के पास अपना खाता होना अनिवार्य है।

पति पत्नी दोनों दिव्यांग होने की दशा में दंपत्ति का साझा यानी जॉइंट अकाउंट होना अनिवार्य है।

आवेदन करने वाले दंपत्ति में पति-पत्नी या दोनों 40% से अधिक विकलांग होने चाहिए।

आवेदन करने वाला दंपत्ति राज्य सरकार या फिर केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही अन्य किसी विवाह योजना के अंतर्गत लाभार्थी नहीं होने चाहिए।

यह योजना पुनर्विवाह यानी दूसरी अथवा तीसरी शादी के लिए लागू नहीं होगी।

आवश्यक दस्तावेज

पति पत्नी का आधार कार्ड

ज्वाइंट बैंक अकाउंट की पासबुक की फोटो कॉपी

विकलांगता प्रमाण पत्र

आयु या जन्म प्रमाण पत्र

सरकारी अस्पताल के चिकित्सक द्वारा जारी किया गया प्रमाण पत्र

शादी का निमंत्रण कार्ड

शादी के वक्त दंपत्ति की फोटो

आय प्रमाण पत्र

जाति प्रमाण पत्र

राशन कार्ड की फोटो कॉपी

मुख्यमंत्री दिव्यांगजन विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना प्रक्रिया

बिहार राज्य सरकार द्वारा दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन योजना 2022 के अंतर्गत आवेदन करने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। अगर आप इस योजना के तहत लाभार्थी बनना चाहते हैं तो आपको ऑफलाइन विधि के माध्यम से आवेदन करना होगा। ऑफलाइन आवेदन की प्रक्रिया नीचे प्रदान की गई है।

आवेदक को सबसे पहले अपने क्षेत्र के जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग के दफ्तर जाना होगा।

कार्यालय में पहुंचकर आपको संबंधित अधिकारी से मिलकर आवेदन पत्र प्राप्त करना होगा।

अब आपको इस आवेदन पत्र में पूछी गई सभी जानकारियों को सही सही भरना होगा।

इसके बाद आपको आवेदन पत्र के साथ ऊपर बताए गए सभी दस्तावेज अटैच करने होंगे।

एक बार फिर से आवेदन पत्र में भरी गई सभी जानकारी की जांच कर ले तथा दस्तावेजों को चेक कर लें।

अगर आपने सब कुछ सही सही भरा है तथा सभी दस्तावेज सही हैं तो इसे विभाग के संबंधित अधिकारी के पास जमा कर दें।

अधिकारी के पास अपने दस्तावेज तथा आवेदन पत्र जमा करने के बाद इस योजना के लिए आपका आवेदन पूरा हो जाएगा। इसके बाद संबंधित विभाग के अधिकारी आपका आवेदन पत्र तथा सभी दस्तावेजों की जांच करेंगे।

 इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए पात्रता पूरा करने वाले आवेदक को विहित प्रपत्र ने अपना आवेदन प्रखंड कार्यालय स्तर पर अवस्थित RTPS काउंटर पर जमा किया जाता है।

मुख्यमंत्री दिव्यांगजन विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना उपयोगिता प्रमाण पत्र की प्रक्रिया

 मुख्यमंत्री दिव्यांग गजन विवाह प्रोत्साहित अनुदान योजना में जिला से प्राप्त व प्रतिवेदन के आधार पर शब्दों द्वारा 42aAमें उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जाएगा

मुख्यमंत्री दिव्यांगजन विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना अनुश्रवण की प्रक्रिया

 इस योजना के अनुश्रवण हेतु प्रखंड स्तर पर प्रखंड विकास पदाधिकारी आवश्यक अनुश्रवण एवं मूल्यांकन के लिए प्राधिकृत है इस कार्यक्रम की राज्यस्तरीय मासिक समीक्षा भी की जाती है इसके अतिरिक्त राज्य स्तर पर जांच दल का भी गठन किया जाता है। 

शिकायत निवारण एवं एस्केलेशन मैट्रिक्स 

इस योजना के संबंध में प्रखंड विकास पदाधिकारी अनुमंडल कार्यालय सहायक निदेशक जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग जिला बाल संरक्षण इकाई निदेशक सामाजिक सुरक्षा कार्यालय तथा अपर मुख्य सचिव/ प्रधान सचिव / सचिव समाज कल्याण विभाग के कार्यालय में शिकायत दर्ज की जा सकती है ।अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी तथा जिला स्तर पर जिला लोक शिकायत निवारण का कार्यालय कार्य रहता है।

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